कहते हैं न, कि तकनीक ने हमारी जिंदगी कितनी आसान बना दी है। अब तो वर्चुअल रियलिटी की दुनिया में घूमना फिरना भी आम बात हो गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वर्चुअल रियलिटी का असली आविष्कार तो बहुत पहले हो चुका था? और वो भी महिलाओं ने!
जी हां, आपने सही सुना। आज से बहुत पहले जब VR हेडसेट्स और गेमिंग कंसोल का कोई अता-पता नहीं था, तब से ही महिलाएं अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में वर्चुअल रियलिटी का आनंद ले रही थीं।
मेकअप: खुद को परी बनाना
मसलन, मेकअप करना। क्या आपने कभी गौर किया है कि एक साधारण सी लड़की मेकअप करके कैसे एक परी सी लगने लगती है? ये बिल्कुल वैसा ही है जैसे कोई बच्चा अपनी आंखें बंद करके सोच ले कि वो सुपरमैन बन गया है। मेकअप के जरिए महिलाएं खुद को एकदम नई दुनिया में ले जाती हैं, जहां वो बेहद खूबसूरत और आकर्षक होती हैं।
हाई हील्स: लंबी और पतली
इसी तरह हाई हील्स भी महिलाओं के लिए एक तरह का वर्चुअल रियलिटी का अनुभव है। एक साधारण सी लड़की हाई हील्स पहनकर खुद को लंबी और पतली महसूस करती है। ये बिल्कुल वैसा ही है जैसे कोई छोटा बच्चा एक बड़े से डब्बे में घुसकर सोच ले कि वो एक विशालकाय दानव बन गया है।
ये सब क्यों?
अब सवाल उठता है कि आखिर महिलाएं ऐसा क्यों करती हैं? इसका जवाब बहुत ही आसान है। हर कोई चाहता है कि वो थोड़ा सा खास महसूस करे, थोड़ा सा अलग। मेकअप और हाई हील्स महिलाओं को ये एहसास दिलाते हैं। ये उन्हें एक नई पहचान देते हैं, एक नया कॉन्फिडेंस।
तो क्या ये गलत है?
बिल्कुल नहीं! ये बिल्कुल स्वाभाविक है। हर इंसान को थोड़ा सा सपने देखने का हक है। और मेकअप और हाई हील्स महिलाओं के लिए उन्हीं सपनों को साकार करने का एक जरिया हैं।
तो अगली बार जब आप किसी महिला को मेकअप करते या हाई हील्स पहने हुए देखें, तो उसे अजीब न समझें। बस याद रखें कि वो भी बाकी इंसानों की तरह थोड़ा सा खास महसूस करना चाहती है।







