पुरानी यादें

image

आज अलमारी साफ करते समय,
कुछ पुराने चिथड़े निकल आए,
कभी ये भी ख्वाब हुआ करते थे।

पुलिस वाला वो लिबास,
जिसे मैं पहनकर घूमता था,
सारे मोहल्ले में दरोगा बनकर,
और
कंधे पर लटकती सीटी,
जिसे बजा बजाकर,
मोहल्ला सिर पे उठा लेता था,
अब वो लिबास फट गया कई जगहों से।

एक स्वेटर मिला,
जिसे नानी ने बुनकर भेजा था,
किसी ने उसे उधेड़ने की कोशिश की है,
लेकिन नानी के प्यार की गिरहें उधेड़ नही पाये।

एक टूटा हुआ खिलौना मिला,
वो सैनिक जो बंदूक तानकर चलता था,
सिर अलग हो गया था सैनिक का,
लगता है बंद अलमारी में पहरेदारी करता था।
लगता है बंद अलमारी में पहरेदारी करता था।
किसी दुश्मन से मुठभेड़ में शहीद हो गया।

कुछ कागज के पुर्जे हैं,
खत लगते हैं, माँ ने जो लिखे थे,
एक तार भी है
जिसने रुला दिया था मुझको।

आज अलमारी साफ करते समय,
कुछ पुराने चिथड़े निकल आए,
कभी ये भी ख्वाब हुआ करते थे।

One thought on “पुरानी यादें

Leave a reply to rohit Cancel reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.